Wednesday, January 27, 2016

अरुणाचल में राष्‍ट्रपति शासन लगाने पर SC ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस और भी...

अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके पहले कोर्ट ने राज्यपाल से 15 मिनट में जवाब तलब किया था. कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब मामला पहले से कोर्ट में था तो इस पर हुए डेवलपमेंट कोर्ट में क्यों नहीं रखे गए. कोर्ट ने केंद्र से 29 जनवरी तक जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी.
कोर्ट की ओर रिपोर्ट मांगे जाने पर राज्यपाल के अधिवक्ता ने कहा कि 15 मिनट में रिपोर्ट दे पाना संभव नहीं है, इसमें वक्त लगेगा क्योंकि राज्यपाल ईटानगर में हैं. इस पर कोर्ट ने अधिवक्ता को निर्देश देते हुए कहा, 'आपको ईटानगर जाने की जरूरत नहीं है. राज्यपाल ऑफिस को एक ईमेल भेजिए और 15 मिनट में जवाब पेश करिए.'
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
कांग्रेस मे अपनी याचिका में केंद्र को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रपति शासन अरुणाचल प्रदेश की जनता पर जबरन थोपा जा रहा है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, असम और त्रिपुरा में भी आरएसएस का समर्थन प्राप्त राज्यपालों ने बीजेपी की विचारधारा जबरन लागू करने की कोशिश की है.
कांग्रेस की ओर से आरोप लगाए जाने पर बीजेपी ने पलटवार किया और कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य में राजनीतिक स्थिरता लाने की हर संभव कोशिश की है लेकिन कांग्रेस सरकार बनाने में नाकाम रही है.
बीजेपी ने किया पलटवार
कांग्रेस की ओर से आरोप लगाए जाने पर बीजेपी ने पलटवार किया और कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य में राजनीतिक स्थिरता लाने की हर संभव कोशिश की है लेकिन कांग्रेस सरकार बनाने में नाकाम रही है. राष्ट्रपति शासन के जरिए राज्य की जनता को बचाया गया है.
कैबिनेट ने राष्ट्रपति के पास भेजा था प्रस्ताव
अरुणाचल प्रदेश में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. मंगलवार शाम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसकी मंजूरी दे दी. केंद्रीय कैबिनेट ने रविवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा गया था.
CM ने राज्यपाल को बताया था BJP एजेंट
इससे पहले दिसंबर में गहराए सियासी संकट पर मुख्यमंत्री तुकी ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा बीजेपी एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्होंने ही सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के विधायकों से बगावत कराई है.
राष्ट्रपति शासन लगाए जाने से नाराज मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा, 'हमें पता था कि वे ऐसा करेंगे क्योंकि उनकी धारणा ही ऐसी है. हम डरेंगे नहीं. कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. हमारे साथ 31 विधायक हैं.'

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